


मेरठ। CBSE परीक्षा परिणामों से वो सपना सच हो गया जो देखा तो सभी करते थे, लेकिन इतनी जल्दी वो सच हो जाएगा यह किसी ने सोचा नहीं था। परीक्षा परिणामों ने साबित कर दिया कि ऋषभ केवल खेलकूद ही नहीं पढाई में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, शायद यही कारण रहा जो एक ही झटके में दस फीसदी लंबी छलांग लगायी है। कक्षा 12 में विज्ञान वर्ग में हिमानी सैनी ने 98.2 फीसदी परिणाम लाकर यह साबित कर दिया कि हम भी हैं जोश में। इस बेटी ने ऋषण एकाडेमी का डंका पूरे जनपद में बजाया है। ऋषभ से जुड़े हर एक शख्स को हिमानी की इस शानदार सफलता पर फर्क है। सफलता का यह सफर केवल हिमानी तक आकर नहीं थम जाता। भानु राजपूत 96.2 अंक लाकर दूसरे स्थान पर रहे हैं, लेकिन भानु इसमें दिल छोटा करने की जरूरत नहीं। तुम भी हिमानी सरीखे हो, जबकि 94.6फीसदी अंक लाकर ऋषभ की आंचल गर्ग ने ऋषभ काे ही नहीं बल्कि अपने परिवार को भी मुस्कुराने का मौका दिया है। ये तीनों ही बच्चे शानदार है, इसलिए भी शानदार हैं क्योकि ये तीनों ऋषभ Student हैं।
ऋषभ केवल खेलकूद ही नहीं पढाई में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, शायद यही कारण रहा जो परीक्षा परिणामाें में ऋषभ एकाडेमी की एक ही झटके में दस फीसदी लंबी छलांग
वाणिज्य वर्ग में अनुराग मित्तल 95.4 फीसदी, रिहान मलिक 94.8 फीसदी और महिमा सोनकर व हर्षिता स्वामी ये दोनों छात्राएं 93.6 फीसदी अंक लायी हैं। ये सभी वो बच्चे हैं जिन्हें ऋषभ पर नाज है। इन बच्चों से ज्यादा इनकी कामयाबी का जश्न ऋषभ और इन बच्चे के परिजन मना रहे हैं। इन्हें जीवन में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। अब बात कर लेते हैं कला वर्ग की जिसमें जेबा खानम 89.6 लाकर प्रथम स्थान पर रहीं, प्राची सूद 88.6 फीसदी लाकर दूसरे व तनु कश्यप 87.8 लाकर तीसरे स्थान पर रहीं। यहां यह बता दें कि कला वर्ग में इतने फीसदी तक प्रदर्शन को हल्के में कतई नहीं लिया जा सकता। कला वर्ग के सभी बच्चें शानदार हैं। बधाई के पात्र हैं ऋषभ की शान हैं।
अब बात कर लेते हैं कक्षा दस की जिसमें प्रथम स्थान पर, द्वितीय अदिति पंत 95 प्रतिशत, आयुष जैन 94.8 व हर्षिता 94 फीसदी अंक लायी हैं। इन तीनों ही बच्चों ने कमाल किया है। ये वाकई शानदार हैं और ऋषभ एकाडेमी की शान भी हैं। ऋषभ एकाडेमी का कक्षा 12 का परिणाम 95 फीसदी रहा और कक्षा 10 का परीक्ष परिणाम शत प्रतिशत यानि सौ फीसदी रहा। विद्यालय के अध्यक्ष दिनेश चंद जैन, सचिव डा. संजय कुमार जैन, योगेश प्रकाश जैन, प्रधानाचार्य मुकेश कुमार व उप प्रधानाचार्य पवन कपूर इन बच्चों की सफलता से गदगद है। बच्चें के उज्जवल भविष्य की उन्होंने कामना की है। इन सभी बच्चों की इस शानदार कामयाबी में प्रधानाचार्य मुकेश कुमार की जितने तारीफ की जाए कम है। यह उन्हीं की वजह से संभव हो सका। उन्होंने ठान लिया था कि इस बार ऋषभ एकाडेमी का परिणाम सफलता की एक लंबी जंप के साथ हासिल करना है। सीए डा. संजय जैन का नाम लेना तो सूरज को दीपक दिखाने सरीखा होगा। ऋषभ एकाडेमी के सचिव डा. संजय जैन सरीखे लोगों को ही किसी भी इमारत की बुनियाद का पत्थर कहा जाता है। ये वो होते हैं जो इमारत की मजबूती के लिए बुनियाद सरीखे होते हैं। बगैर किसी के सामने आए खुद को प्रदर्शित कर या कहें मार्केटिंग कर केवल और केवल ऋषभ एकाडेमी सरीखी संस्था की उन्नति के लिए हर वक्त मनन करते हैं। तमाम कोशिशें करते हैं, तब जाकर यह मुकाम हासिल होता है जो परीक्षा परिणामों में ऋषभ ने हासिल किया है। यह सब देखना सुनना और लिख देना आसान है, लेकिन मुकाम तक पहुंचाना आसान नहीं होता। वैसे सचिव डा. संजय जैन के बारे में एक और बात यहां बताना जरूरी है वो कि यदि उन्होंने ठान लिया तो भले ही हालात कैसे भी हो वो अंजाम तक पहुंचा ही दम लेते हैं ऋषभ एकाडेमी काे परीक्षा परिणाम से बड़ा और कोई दूसरा सबूत क्या हो सकता है। ऐसे लोग कभी भी खुद को सामने नहीं लाते चुपचाप अपने काम लगे रहते हैं। डा. संजय जैन के रहते ऋषभ यकीन जानिए अगले साल और भी शानदार प्रदर्शन करने वाला है।
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