CM योगी ग्रिड रोड को अफसरों की लापरवाही का पलीता

kabir Sharma
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मेरठ। गांधी आश्रम गढ रोड से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक सीएम ग्रिड रोड बताकर अफसर जिसका निर्माण कराने का दम भर रहे हैं, लगता है कि सिस्टम के आला अफसराें को वहां कैसे काम किया जा रहा है कहीं कोई खामी तो सीएम ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत बनायी जा रही इस रोड के निर्माण् के दौरान तो नहीं छोड़ी जा रही है यह देखने की शायद फुर्सत नहीं है। यदि ऐसा नहीं है तो फिर क्या कारण है कि सीएम योगी की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनायी जा रही रोड के काम को जाकर आला अफसर क्यों नहीं देख रहे हैं। इस बात को क्यों नहीं देखा जा रहा है कि रोड का काम शुरू करने से पहले नगर निगम ने जो अवैध कब्जे सरकारी सड़क पर होटल ढावे वालों ने किए हुए हैं उनको हटाया गया है या नहीं। ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत या जानकारी आला अफसरों को नहीं दी गयी है। मंडलायुक्त जैसे बड़े सिस्टम को चलाने वाले अफसर को इसकी जानकारी दी गयी है। शिकायत की गयी है। उन्हें बताया गया है कि अवैध कब्जे हटाने के बजाए नाली को तिरछा किय गया है जो करीब पचास करोड़ की लागत से बनायी जा रही इस सड़क की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा।

सीएम ग्रिड योजना के तहत बनायी जा रही इस रोड के निर्माण कार्य में ठेकेदार या कहें जो भी कार्यदायी संस्था है उसने जो कारगुजारियां दिखानी थी वो तो दिखा चुके है, लेकिन यहां सिस्टम को चलाने वाले आला अफसरों की बात की जा रही है। इस बात को अफसर क्यों नहीं देख रहे कि इतनी महत्वपूर्ण व बड़ी रकम से तैयार की जा रही सड़क बनाने का काम शुरू करने से पहले गढ रोड से अवैध कब्जे क्यों नहीं हटवाए गए। कौन इंजीनियर का ठेकेदार इसके लिए जिम्मेदार है। किस नेता के दवाब में इन कब्जों को हटाने के बजाए नाली को ही तिरछा कर दिया गया। गढ रोड पंचशील कालोनी के बाहर से होकर यह रोड जा रही है। यहां तमाम होटल ढावे वाले हैं जिन्हाेंने सड़क पर अवैध कब्जे किए हुए हैं। रोड का काम शुरू करने से पहले नाली बनाने का काम शुरू किया गया। लेकिन नाली बनवाने वाले इंजीनियर ने बजाए अवैध कब्जे हटवाने की रिपोर्ट नगर निगम या अपने बड़े अफसरों को देने के बजाए लगता है कि जिन्होंने अवैध कब्जे किए हुए है उनसे हाथ मिला लिय है। दरअसल यदि अवैध कब्जों को हटवाया जाता है तो जिन्होंने अवैध कब्जे किए हुए हैं उनकाे भारी नुकसान उठाना पड़ता, लेकिन नाली सीधी बन जाती। अवैध कब्जे हटवाने के बजाए नाली ही तिरछी करा दी। इससे होगा यह कि जब बारिश आएगी और नाली तिरछी होने की वजह से उसमें कूडा कचरा बीच में रूक जाएगा, जिसकी वजह से नाली का पानी सडक पर फैलेगा और पानी भरते ही सड़क टूटनी शुरू हो जाएगी तब ना तो मौके पर खड़ा होकर इस रोड को बनाने वाला इंजीनियर होगा ना ही सिस्टम को चलाने वाले वो अफसर मौके पर मौजूद होंगे जिनकी जिम्मेदारी यह देखना है कि काम ठीक किया जा रहा है या नहीं।

नगर निगम द्वारा इन दिनों पूरे शहर में नाले नालियों का निर्माण कराया जा रह है ताकि जिन नाले नालियों पर अवेध कब्जे किए गए हैं उनका हटवाया जा सके। नालियां तो बनायी जा रही है लेकिन यह मुगालता दिमाग से निकाल दीजिए कि जो अवैध कब्जे नालियों पर किए गए हैं उन्हें हटवाया जा रहा है।मेरठ के जीआईसी बेगमपुल के बाहर नाली का निर्माण कराया गया। लेकिन अवैध कब्जे नहीं हटाए गए। यहां नाली को तिरछा कर दिया गया। इसका नुकसान बारिश में होगा। तिरछी नाली में कूडा कचरा फंस जाएगा और पानी सड़कों पर फैल जाएगा। यहां यह भी बता दें कि सीएमएसी कांप्लैक्स व आरजी इंटर कालेज के आसपास बारिश में पानी भरता था। पानी की निकासी के नाम पर ही यह नाली बनवयी गयी है लेकिन बारिश के मौसम में यह नाली पानी की निकासी नहीं बल्कि जलभराव का बड़ा कारण साबित होगी। वैसे पूरे शहर में जहां जहां नगर निगम के ठेकेदार नालियां बना रहे हैं,वहां कहीं भी अवैध कब्जे हटवा कर नालियों को सीधा नहीं बल्कि तिरछा बनाया जा रहा है। इसकी एवज में उनकी मुटठी भी गरम हो रही है।

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