

मेरठ/ पीवीवीएनएल एमडी ईशा दुहन ने डिस्कॉम हैड क्वार्टर स्थित, ओएमएस (आउटेज मैनेजमेन्ट सिस्टम) एवं 24 घंटे कार्यरत कॅस्टमर केयर सैन्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण कर इंतजामों का जायजा लिया। उन्होनें फीडरों की कार्यशीलता, बाधित आपूर्ति का अनुश्रवण एवं फीडर के री-स्टोर होने में लगने वाले समय की जानकारी संबंधित अधिकारियों से प्राप्त की। निरीक्षण में एमडी ईशा दुहन ने हापुड के फीडर सदरपुर (ग्रामीण), मोदीनगर रोड एवं रामपुर रोड अधिक समय तक बाधित रहने पर नाराजगी जतायी और अधिशासी अभियन्ता कन्ट्रोल रूम से जवाब तलब किया। उन्होनें अधिक समय फीडर बॉधित होने पर, एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) संबंधित अधिकारी से प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि फीडर बाधित होने पर विद्युत आपूर्ति को कम से कम समय मे री-स्टोर किया जाये. अधिक समय तक फीडर बॉधित होने पर संबंधित अधिकारी की, जवाब देही सुनिश्चित कर, सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने विद्युत आपूर्ति एवं ट्रांसफार्मरों की खराबी के बारे में तत्काल कार्रवाई की हिदायत दी ताकि कम से कम समय में री-स्टोर किया जा सके।
सबसे ज्यादा शिकातय बिल, मीटर, सप्लाई, चोरी एवं क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों की, एमडी ईशा दुहन ने कॉल ड्रॉप को लेकर नाराजगी, कंट्रोल रूम में मेनपॉवर इजाफा,एमडी ने डिस्कॉम हैड क्वार्टर परिसर ओएमएस कन्ट्रोल रूम व कॅस्टमर केयर सैन्टर1912 का किया निरीक्षण
11 केवी फीडरों के आउटेज की निगरानी बेहतर ढंग से करन व कन्ट्रोल रूम 247 कार्यरत रहें उन्होने ओएमएस कन्ट्रोल रूम मे आपरेटरों की संख्या बढाने के निर्देश दिये। एमडी ने मंगल पाण्डेय नगर स्थित कस्टमर केयर सैन्टर, का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रबन्ध निदेशक ने 1912 पर आने वाली शिकायतों की समीक्षा की समीक्षा में पाया गया कि उपभोक्ताओं की बिल, मीटर, सप्लाई, चोरी एवं क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों से संबधित शिकायतें हैं। एमडी ने सोशल मीडिया जैसे टवीटर आदि पर आने वाली उपभोक्ताओं की शिकायतों की जानकारी ली व शिकायतों का तुरन्त गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण क ो कहा।
उपभोक्ताओ को विद्युत संबंधी शिकायत दर्ज करने के विभिन्न विकल्प जैसे चैटबॉट, कन्ज्यूमर एप्प, ट्वीटर, ई-मेल, 1912 वैब इत्यादि विकल्प होने से, विद्युत संबंधी शिकायत दर्ज करने में आसानी हुई है
गर्मी में कॉल का फ्लो बढने से काल ड्रॉप की स्थिति बनी रहती थी इसके लिए प्रभावी कदम उठाये गये हैं। परिणाम स्वरूप कॉल ड्राप मे भी 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। इस दौरान एनके मिश्र निदेशक (तकनीकी), रवि शंकर, अधीक्षण अभियन्ता कन्ट्रोल रूम, सोनम सिंह अधिशासी अभियन्ता एवं स्टॉफ आफिसर, धीरेन्द्र कुमार व नेहा चौधरी अधिशासी अभियन्ता कन्ट्रोल रूम, मीनाक्षी चौहान संजय जैन निदेशक (वाणिज्य), राहुल नन्दा अधीक्षण अभियन्ता (आईटी), प्रवीण कुमार अधिशासी अभियन्ता (आईटी), सहायक अभियन्ता (आईटी) एवं अवर अभियन्ता (आईटी) आदि अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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