अब नहीं आती ऋषभ को लेकर अप्रिय खबरें, मेरठ की कान्वेट सोसाइटी में तेजी से ऊपर जा रहा है ऋषभ एकाडेमी का ग्राफ

मेरठ। कैंट के वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋभष एकाडेमी के स्टूडेंट केवल शिक्षा में ही परचम नहीं लहरा रहे हैं स्पोर्टस में भी वो ऋषभ के झंड़े गाड़ रहे हैं। एक अरसे पहले ऋषभ को लेकर कोई इस प्रकार की कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ऋषभ के स्टूडेंट इतना शानदार प्रदर्शन पढाई और स्पोर्टस तथा अन्य एक्टिविटीज में कर सकेंग। उस दौर में इस शिक्षण संस्था के नाम मारपीट, स्कूल के बाहर हंगामा तथा तमाम अप्रिय बातों को लेकर अक्सर सुनने में आता है, लेकिन वो चीजें अब एक बुरा सपना बनकर रह गयी हैं। शहर के शिक्षण संस्थाओं में ऋषभ को एक ब्रांड बनाने का काम इसके सचिव डा. संजय जैन ने किया है। जिस वक्त बतौर निर्वाचित सचिव (जिला प्रशासन के आदेश पर डिप्टी रजिस्ट्रार की देखरेख व प्रशासक ने चुनाव कराए थे) डा. संजय जैन ने ऋषभ को संभालना था उस वक्त कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि इतनी जल्दी चमत्कार हो जाएगा। यह तो पता था कि डा. संजय जैन सीए आ गए है तो ऋभष संभल तो जाएगा लेकिन इतनी जल्दी और चमत्कारी ढंग से शिक्षा जगत में ऋषभ का परचम लहराने लगेगा इस बात का यकीन उस वक्त के हालात को देखते हुए कोई भी नहीं कर सकता था, लेकिन कुछ भी ठान लेने के बाद उसको अंजाम तक पहुंचा देने वाले डा. संजय जैन ने यह कर दिखाया।
मंदिर की भी सुध लो

ऋभष का परचम लहराता देखकर अब सदर जैन समाज की एक ही इच्छा है कि डा. संजय जैन सदर दुर्गाबाड़ी स्थित मंदिर की भी सुध लें। लोगों की मानें तो जो काम ऋषभ में कर दिखाया है वो काम दरअसल डा. संजय जैन को जैन समाज के इस चार सौ साल पुराने मंदिर में करना था। जिस मंदिर को जिसका भी मौका लगा उसने खूब लूटा। संजय जैन भले ही इसमें रूचि ना रखते हों, लेकिन समाज जो चाहता है वो करना ही पड़ता है। सदर जैन समाज दिल से चाहता है कि सीए डा. संजय जैन ऋषभ की तर्ज पर मंदिर का परचल भी शहर के जैनसमाज के बीच लहराए। जिस तरह से ऋषभ को डा. संजय जैन की जरूरत थी उससे कहीं ज्यादा जरूरत मंदिर को है। अब फैसला खुद डा. संजय जैन को लेना है कि वो समाज की इस मुराद को कब तक पूरी करेंगे।