
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सीमा पार से आए आतंकियों की कायराना हरकत के बाद देश में गम और गुस्सा था। प्रत्येक देशवासी बदले की आग में चल जल रहा था। भारतीय सेना ने अदम्य साहस व शौर्य का परिचत देते हुए देश की बेटियों का सिंदूर नोंचने वाले आतंकियाें के खिलाफ चलाए गए अभियान को नाम ही ऑपरेशन सिंदूर दिया। वो कर दिखाया जिसकी कभी पाकिस्तानी और उसकी गोद में पल रहे आतंकियों पर कल्पना तक नहीं की होगी। भारतीय वायु सेना का पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं। भारतीय वायु सेना के जवानों ने घर में घुसकर आतंक के सरगना के अपनों को इसलिए भी जहनुम पहुुंचाने का काम किया ताकि बताया जा सके कि अपनों के खोने का दर्द क्या होता है। भारतीय सेना की कार्रवाई से पूरे पाकिस्तान में हा-हाकार मचा हुआ है। पाकिस्तानियों को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करें। भारतीय सेना तो घर में घुसकर दुश्मन को मानती है।
पाकिस्तानियों को भूगोल बदलने का डर
पहलगाम में कायरना हरकत का जिस तरह से भारतीय सेना ने बदला लिया है उसके बाद पाकिस्तानी आकाओं को भी डर लगाने लगा है कि कहीं भारतीय सेना साल 1970 की तर्ज पर एक बार फिर भूगोल ना बदल दे। जब बंगला देश और अब कहीं बलुचिस्तान अगल राष्ट्र ना बन जाए।

भारतीय सेना के हमले में मारे गए रिश्तेदारों की लाशें देखकर आतंकी सरगना, बोला मैं भी मर जाता, चिंता ना कर अजहर तुझे तो दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे

भारत की सेना ने आधी रात को हमला कर पाकिस्तानियों की नींद उड़ा कर रख दी। पहलगाम अटैक के जवाब में भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक ने पाकिस्तान की गोद में पलने वाले आतंकियों की लाशें बिछा दीं। यहां जोर देने की बात यह है कि भारतीय सेना ने किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया है। रात में करीब 1 बजे से 25 मिनट तक भारत ने पाकिस्तान में मिसाइलों की बरसात की। वायुसेना ने एयरस्ट्राइक कर सीमा पार के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। उनमें मौजूद आतंकियों को जहनुम भेज दिया। ऑपरेशन सिंदूर में 70 से अधिक आतंकी मारे जाने की जानकारी मिल रही है। वायु सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ही पाकिस्तान के लाहौर, पंजाब और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर मौत की बारिश की। पहलगाम में कायरना हरकत के 15 दिन बाद यानी 16वें दिन ही आतंकियों जहनुम पहुंचा कर बदला ले लिया. आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 14 लोगों की मौत हुई है। अपने रिश्तेदारों की लाश देखकर बताया जाता है कि अजहर बोला मैं क्यों नहीं मर गया। लेकिन अजहर को इतनी आसान मौत नहीं दी जाएगी। उसके हिस्से में तो दौड़ा-दौड़ा कर माने वाली मौत लिखी गयी है।
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