
छील लिया रोटी रोजगार, बर्बादी का तमाश देखते रहे व्यापारी, बोले सरकार में नहीं थी इच्छा शक्ति
मेरठ। जिस आशंका के चलते महीनों से सेंट्रल मार्केट के व्यपारियों को नींद नहीं आ रही थी वो आशंका शनिवार को सही साबित हुई। जिनसे उनका रोटी रोजगार छीन लिया गया वो व्यापारी आज सामने खड़े होकर अपनी बर्बादी का तमाश देखते रहे और कोई कुछ नहीं कर सका। व्यापारियों को इस बात का दुख है कि उन्हें उजाड़ दिया गया, यह दुख तो अब उनके साथ ही जाएगा लेकिन इस बात का मलाल भी है कि जो कहते थे कि हमने बात कर ली है। कुछ नहीं होगा। कोई नहीं उजाड़ा जाएगा। इसके खिलाफ अपील की जाएगी। सरकार में बात कर ली गयी है। बर्बाद हुए ऐसे व्यापारियों की सजल आंखें दावे करने वाले उन नेताओं को तलाश रही थीं। ये सभी नेता सत्ताधारी भाजपा के हैं। संयुक्त व्यापार संघ के अजय गुप्ता व अंकुर गुप्ता को यदि अपवाद मान लिया जाए तो ऐसा कोई नहीं था जो दुख और बर्बादी की इस घड़ी में व्यापारियों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो सकता।
आखिरी दम तक किया था प्रयास
जो व्यापारी आज उजाड़ दिए गए उनके प्रयासों में कोई कमी नहीं थी। व्यापारी नेता अशोक सोम ने बताया कि अंतिम दम तक भी प्रयास किया गया था। सांसद और राज्यसभा सदस्य से भी मिलने के लिए पहुंचे थे, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। व्यापारियों ने बताया कि उनको लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक धुमाया गया। जिन मंत्रियों के पास लेकर गए उनके आश्वासन कोरी दिलासा साबित हुए। सरकार की ओर से यदि कोर्ट में जाकर पहल की गयी होती तो शायद उनके हाथ की रोटी आज नहीं छीनती। सब कुछ बर्बाद हो गया।
शहर के तमाम कांप्लैक्स अवैध ही तो हैं
जिन पर शनिवार भारी उतरा उन व्यापारियों ने सवाल किया कि केवल उनका कांपलैक्स ही नहीं पूरा शास्त्रीनगर यहां जितनी भी दुकानें और बड़े-बड़े शोरूम है वो अवेध ही तो हैं। सभी पुराने मकानों में कन्वर्ट हुए हैं। अफसर औरदलात बताए कि क्या उनको भी ऐसे ही गिराया जाएगा। शास्त्रीनगर में जितने भी बड़े-बड़े डाक्टरों को क्लीनिक हैं क्या वो मकानों को तोड़कर नहीं बनाए गए हैं। और केवल शास्त्रीनगर ही क्यों पूरे शहर का ऐसा ही हाल है क्या वो सभी ऐसे ही गिराए जाएंगे। जिन्हें उजाड़ा गया उनमें गम भी है और गुस्सा भी है। लेकिन वो बेबस हैं। वो सिसक तो सकते हैं लेकिन कुछ कर नहीं सकते।