लैटर-5

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परम श्रद्धेय श्रीमती द्रोपदी मुर्म राष्ट्रपति महोदय

राष्ट्रपति भवन-नई दिल्ली

 

विषय: मेरठ छावनी में भूमाफियाओं के कृत्यों के खिलाफ जांच व कार्रवाई के संबंध में पुन: निवदेन

 

महोदय,

अवगत कराना है कि मेरठ छावनी देश की सबसे पुराने व संवेदनशील छावनियों की श्रेणी में शामिल है। देश की राजधानी नई दिल्ली से मेरठ छावनी महज 45 मिनट की दूरी पर है। यह खेद का विषय है कि मेरठ छावनी अरसे से कुछ भूमाफिया सेना की जमीन खासतौर से ओल्डग्रांट के बंगलों को खुर्दबुर्द कर वहां मौजूद सेना की यूनिटों के लिए भविष्य में बड़े खतरे का कारण बनते प्रतीत होते हैं। मेरठ छावनी के दो बड़े भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल निवासी 210-ए बेस्ट एंड रोड मेरठ तथा आदतन अपराधिक प्रवृत्ति के अनिल जैन निवासी बीआई लाइन बंगला नंबर-45 छावनी क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण कर रहे हैं। इनके द्वारा किए जाने वाले अवैध निर्माण की वजह से ही मेरठ छावनी क्षेत्र में सेना की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे की आशंका जतायी जा रही है। जय प्रकाश अग्रवाल ने मेरठ के आबूलेन स्थित बंगला नंबर 182 में अवैध कामर्शियल कांप्लैक्स बना डाला है। इस कार्य में मेरठ कैंट बोर्ड तथा रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय के कुछ उच्च पदस्थ अफसरों की संरक्षण उन्हें हासिल है। मेरठ छावनी में कई दूसरे अवैध निर्माणों में भी यदि  निष्पक्ष जांच करायी जाए तो जय प्रकाश अग्रवाल की संलिप्तता पायी जा सकती है। भूमाफिया अनिल जैन जो आदतन अपराधी है जिसके खिलाफ थाना सदर बाजार मेरठ से हत्या का मुकदमा वर्तमान में हाईकोर्ट में चल रहा है उसने भी बीआई लाइन सरीखे सैन्य क्षेत्र में बंगला नंबर-45 में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण कराया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त बंगला सेना की हायरिंग का बंगला है। इसके बावजूद वहां अवैध निर्माण का करा दिया जाना, मेरठ कैंट बोर्ड तथा रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ अधिकारियों की भूमिका को संदेश के दायरे में लाता है, जिसकी यदि रक्षा मंत्रालय के आधीन जांच करायी जाए तो भूमाफियाओं को अधिकारियों के संरक्षण से पर्दा उठ सकता है।

महोदया इस संबंध में पूर्व में मेरे द्वारा रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, प्रधान निदेशक मध्य कमान आदि को भी पत्र भेजकर अवगत कराया जा चुका है। यह खेद का विषय है कि मेरे द्वारा जो शिकायत भेजी जा रही हैं उनकी जांच मेरठ छावनी स्थित उन अफसरों से करायी जा रही है जिनकी भूमिका भूमाफियाओं की मदद को लेकर पहले से संदिग्ध है। मेरठ छावनी के अफसर तो पहले से ही अवैध निर्माणों की शिकायतों के चलते सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। इसलिए विनम्र आग्रह है कि मंत्रालय स्तर के किसी अधिकारी को मेरठ छावनी भेजकर गोपनीय जांच करायी जाए तो सब कुछ खुलासा हो जाएगा।

मेरठ छावनी के लिए खतरा बने भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की प्रत्याशा में आभार सहित

 

भवदीय

शेखर शर्मा

पुत्र केके शर्मा निवासी जीएफ-19 अंसल कोर्टयार्ड कंकरखेड़ा बाईपास

मेरठ-उत्तर प्रदेश

 

संपर्क सूत्र मोबाइन: 9997539279


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