मुकदमा दर्ज-सजा अभी बाकि

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मुकदमा दर्ज-सजा अभी बाकि, आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के इंतजार में कमल सिंह ने जहर देकर जान दे दी। उसकी मौत के बाद अब कहीं जाकर बामुश्किल मुकदमा दर्ज हो सका है, लेकिन दबंग आरोपियों को अभी सजा मिलनी बाकि है। जब तक सजा नहीं मिलेगी तब तक कमल सिंह की आत्मा यूं ही भटकती रहेगी। कमल सिंह के मामले में पैरवी कर रहे मेरठ शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता व जिला बार के पूर्व महामंत्री एडवोकेट राम कुमार शर्मा ने बताया कि  भू माफ़ियाओं द्वारा साज़िश वह षड्यंत्र रचकर दलित समाज के सरकारी सेवा निवर्त कर्मचारी कमल सिंह की भूमि … अखिलेश गोयल सचिन गुप्ता और नीरज ने हड़प ली थी ककरखेड़ा के यह तीनों व्यक्ति बेहद प्रभावशाली है इनका थाने में भी प्रभाव है इसी कारण अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। निवृतमान आईजी प्रवीण कुमार और ADG Zone राजीव सबरवाल के संज्ञान लेने के बाद जाँच की कार्यवाही शुरू हुई थी उसको भी नीरज आदि ने मिल कर बाधित किया हुआ था जिस कारण मुक़दमा पंजीकृत नहीं हो पा रहा था परिवार के लोग रोते बिखलतै अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे
आंदोलन की चेतावनी ओर उच्च अधिकारियों के पुनः संज्ञान लेने के बाद स्थानीय पुलिस की निद्रा भंग हुई जिस पर पुलिस अधीक्षक पीयूष सिंह ने जाँच कर मुक़दमा क़ायम करने की संस्तुति करी। एसएसपी के आदेश के बाद भी थाना कंकरखेड़ा उपरोक्त व्यक्तियों के विरुद्ध मुक़दमा पंजीकृत नहीं कर रहा था,  जिस पर दलित समाज के व्यक्ति पुनः उच्च अधिकारियों से मिले तब जाकर उक्त कार्यवाही संभव हो पाई।  उपरोक्त मुक़दमा अन्तर्गत धारा “ 306,504,506 IPC & 3(2)(v) SC/ST act में दर्ज हुआ है मुक़दमा अपराध संख्या 223/2023 अब कहीं जाकर दर्ज हुूआ है। विदित हो की 21 जुलाई  19 को दलित समाज के व्यक्ति ने उपरोक्त नीरज, अखिलेश और सचिन के उत्पीड़न से तंग आकर ज़हर खा लिया था। जिसके वीडियो बयान भी दर्ज हुए थे लेकिन थाने में उपरोक्त आरोपियों के प्रभाव के कारण मुक़दमा दर्ज नहीं हो पाया था। अखिलेश गोयल अभी अन्य मुक़दमे में मेरठ जेल में है जिसका लम्बा आपराधिक इतिहास है सचिन अभी हाल ही में सरकारी जमीनों पर क़ब्ज़ा करने के संदर्भ में जेल गया था अब जमानत पर है नीरज के विरुद्ध भी कई गंभीर आरोप पीड़ित पक्ष लगा रहा है।  पीड़ित पक्ष सरकार से उपरोक्त आरोपीयो पर gangster act की कार्यवाई की माँग कर रहा है। दूसरी तरफ़ नगलताशी के किसान अभी भी उनकी ज़मीन पर उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा क़ब्ज़ा करने के विरुद्ध धरने पर बैठे हैं।  उपरोक्त आरोपियों ने करोड़ों रुपये की सरकारी ज़मीन क़ब्ज़ा कर अवैध रूप से बेच दी है।

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