
मेरठ। शहर के महिला थानाध्यक्ष को भाजपा के नाम से कुछ चिढ़ प्रतीत होती है। भाजपा का नाम लेते ही उन्होंने आपा खो दिया। इतना ही नहीं भाजपा का नाम लेकर जो लोग मिलने पहुंचे थे, उन्हें जेल तक भेज देने की धमकी दे डाली। इतना ही नहीं लगभग खदेड़ने के अंदाज में थाने के गेट तक उन्हें निकालकर वीडियो तक बना डाली। सूबे में योगी सरकार और भाजपाइयों के साथ पुलिस का अगर वाकई यह रवैया है तो सवाल तो पूछा जाएगा कि भाजपाई होना क्या महिला थाना इंचार्ज की नजर में कोई गुनाह हो गया।

भाजपा का नाम सुनते ही महिला थाना इंचार्ज सीता सिंह ने आपा खो दिया और नेताओं को जेल तक भेज देने की धमकी दे डाली, उनकी वीडियो बनावाई, भाजपाइयों ने मामले की जानकारी एसएसपी को दी है
हुआ यूं कि 5 अप्रैल को भाजपा के पूर्व पार्षद अंशुल गुप्ता, संयुक्त व्यापार संघ के मंत्री व पूर्व सांसद के करीबी तथा हैंडलूम बस्त्र व्यापार संघ खंदक बाजार के पूर्व प्रधान अकुंर गोयल व कुछ अन्य भाजपाई शहर के सूरजकुंड पर बुटिक चलाने वाली प्रिया के प्रकरण में बात करने को महिला थाना पहुंचे थे। प्रिया ने ही भाजपा के इन नेताओं से आग्रह व शिकायत की थी कि महिला थाने का स्टाफ उसको चक्कर कटा रहा है। वह अपनी शिकायत राज्य महिला आयोग की सदस्य से भी कर चुकी है। राज्य महिला आयोग की सदस्य के कहने पर ही वह महिला थाना गयी थी, लेकिन उसको इंसाफ नहीं मिला। बस इसी संबंध में बातची करने के अंकुर गोयल व अंशुल गुप्ता सरीखे कई भाजपाई महिला थाना गए थे। अंकुर गोयल ने बताया कि जब उन्होंने अपना परिचत भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर दिया तो थाना इंचार्ज सीता सिंह बुरी तरह से भडक गईं। उन्हें भला बुरा कहने लगीं। इतना ही नहींं वीडियाे बनवा कर जेल भेज दिए जाने की धमकी तक दे डाली। सूबे में योगी के सीएम रहते हुए भाजपाइयों ने किसी थाने में इस प्रकार के व्यवहार की शायद कल्पना नहीं की थी। थाने से खदेड दिए जाने के बाद ये भाजपाई सीधे एसएसपी डा. विपिन ताडा से मिलने को पुलिस कार्यालय पहुंच गए। अंकुर ने बताया कि एसएसपी ने पूरे मामले की लिखित शिकायत देने को कहा। उन्होंने लिखित शिकायत दे भी दी है। महिला थाना में जो कुछ हुआ उसको लेकर भाजपाइयाें की त्यौरिया चढ़ गई हैं।
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