22B-एई-जेई की मौजूद है रिपोर्ट, छावनी स्थित बंगला 22-B जिसके ट्रेड लाइसेंस प्रकरण ने रक्षा मंत्रालय के दिल्ली से लेकर लखनऊ और लखनऊ से लेकर मेरठ तक के कैँट अफसरों को गरमाया हुआ है, उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
वो यह कि अब इस पूरे प्रकरण में कैंट बोर्ड मेरठ के एई व जेई पर जो कीचड़ उछाली जा रही थी वो गलत थी। कैंट बोर्ड मेरठ की जिस फाइल में 22B को ट्रेड लाइसेंस की परमिशन के आदेश हैं, उसी फाइल में कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन की रिपोर्ट का पुर्जा भी मौजूद है। जो बार-बार चींख-चींख कर कह रहा है कि इसमें सारा कसूर कैंट बोर्ड के उच्च पदस्थ का है। फाइल के जिस पुर्जे यानी रिपोर्ट की यहां बात की जा रही है उसमें इंजीनियरिंग सेक्शन ने 20 जून को 2022 सीईओ कैंट कार्यालय को बताया है कि वहां सील लगी है। इसमें जीएसआर सर्वे नंबर तक का उल्लेख किया गया है। कुश जौली के नाम से तैयार की गयी रिपोर्ट के परफोरमा में बताया गया है कि मौके पर चेंज आफ परपज और सब डिविजन साइट के अलावा अवैध निर्माण भी है। जब यह सब कुछ मौजूद है तो फिर कैंट बोर्ड इंजीनियरिंग सेक्शन के एई या फिर जेई को कैसे कसूरवार माना जा सकता है। उन्होंने तो अपनी रिपोर्ट में सब कुछ उल्लेख्र किया हुआ है, तो यह मान लिया जाए कि कैंट बोर्ड प्रशासन के उच्च पदस्थ ही इसके लिए सीधे कसूरवार हैं। यदि ऐसा है तो मामला वाकई गंभीर है। गंभीर ही नहीं बल्कि कई सवाल भी खड़े कर रहा है। बंगला 22B की फाइल में हाईकोर्ट के आदेश पर सील। फिर ऐसा क्या प्रेशर था जो इस विवादित बंगले में अवैध रूप से खोले गए रेस्टोरेंट को ट्रेड लाइसेंस देने की इतनी ज्यादा जल्दबाजी दिखाई जा रही थी। सवाल पूछा जा रहा है कि सेटिंग गेटिंग या फिर किसी हाई अथॉरिटी का प्रेशर यदि जबाव मिला तो उसको भी प्रमुखता से सामने लाया जाएगा।