छट पर ठाकुर जी को भोग, बिहारी जी की असीम अनुकम्पा से आज सुधीर रस्तोगी ( उपाध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ) एवं शिप्रा रस्तोगी ( पूर्व उपाध्यक्ष, छावनी परिषद मेरठ) ने अपने निवास शील कुंज में बड़े हर्ष के साथ परिवार सहित माता जी उषा रस्तोगी एवं पुत्र ओम व बिटिया अक्षिता के साथ श्री ठाकुर जी की छठी पर्व का आयोजन किया एवं भोग लगाया। सुधीर रस्तौगी और शिप्रा रस्तौगी दंपत्ति व उनके परिवार का बांके बिहारी से लगाव और प्रेम किसी से छिपा नहीं है। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि बांके बिहारी की इन पर असीम कृपा है। शायद यही कारण है कि आए दिन बांके बिहारी का वृदावन से बुलावे का आना और सुधीर व शिप्रा जी का दर्शन के लिए बिहारी जी पहुंच जाना। बात ज्यादा पुरानी नहीं है। मेरठ के सदर स्थित वामन भगवान की शोभायात्रा का भव्य आयोजन हुआ था। शोभायात्रा से पूर्व व्यापार संघ उपाध्यक्ष सुधीर रस्तौगी भी अन्य अतिथियों के साथ पूजा में शामिल हुए। उनकी भाव भंगिमा बात रही थी मानों साक्षात कान्हा से साक्षात्कार कर रहे हों। यह कोई पहला मौका नहीं है जब कान्हा की बात आती है तो यह दंपत्ति इसी प्रकार सुध बुध खोकर कान्हा की अनन्य भक्ति में लीन न हो जाते हों। पूरा शहर ही नहीं बल्कि मेरठ व आसपास के रहने वाले बांके बिहारी के तमाम भक्त सुधीर व शिप्रा दंपत्ति के कान्हा प्रेम से वाकिफ हैं। लोग इसका ठोस सबूत भी देते हैं। वो बताते हैं कि मेरठ में जहां भी जब भी कभी भी कहीं भी कान्हा जी को लेकर कोई आयोजन होता है तो उसमें बांके बिहारी के अनन्य भक्त सुधीर रस्तौगी या शिप्रा रस्तौगी न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। यह दंपत्ति मेरठ में ही न हो या किसी अन्य कार्य में व्यस्तता हो तो बात अलग है, लेकिन इनके बगैर बांके बिहारी या श्याम खाटू के किसी आयोजन की मेरठ मे कल्पना करना गैर जिम्मेदाराना होगा। कान्हा की भक्ति का रंग ही, जिस पर भी चढ़ा वह बांवरा हो गया।