बजाए अवैध कब्जे व आटो पर शिकंजा कसने एनएचएआई की सर्विस रोड ही कर दी बंद, बागपत फ्लाई ओवर के नीचे लगने वाले जाम को खुलवाने के चक्कर में निकल जाती हैं हाथ से बाहरी नंबर वाली गाड़ियां
मेरठ/ जाम ना लगे इसके लिए बजाए रास्ते खुलवाने के टैफिक पुलिस के स्टाफ ने बागपत फ्लाई ओवर के नीचे सर्विस रोड ही बंद कर दी। नियमानुसार एनएचएआई सर्विस रोड बनाता ही इसी लिए है ताकि हाइवे पर जो वाहन नहीं जाते हैं वो सुगमता से निकल सकें। हाइवे के फ्लाईओवर के आसपास की पब्लिक की सुविधा के लिए एनएचएआई सर्विस रोउ बनाते है, लेकिन यहां डयूटी करने वाले टैफिक पुलिस के स्टाफ ने सर्विस रोड पर ही लोहे के बडे-बडे भारी बैरिकट्स लगा दिए हैं। बागपत फ्लाई ओवर से सोनीपत हाइवे शुरू हो जाता है। वाया मेरठ होकर जितनी भी गाड़ियां सोनीपत या उससे सटे हरियाणा के दूसरे शहरों लिए जाती हैं वो यहीं से होकर गुजरती हैं। एनएच-58 और सोनीपत पानीपत हाइवे के लिए जिन्हें बस पकड़ी होती है वो भी यही सर्विस रोड का इस्तेमाल करते हैं। किसी भी और कुछ भी कारण क्यों न हो सर्विस रोड को बैरियर लगाकर बंद नहीं किया जा सकता और बागपत फ्लाई ओवर के बराबर से जो सर्विस रोड हाइवे की ओर जा रहा है वो बीते एक सप्ताह से बंद है। ये सर्विस रोड क्यों बंद किया है इसको लेकर जो तर्क दिए जा रहे हैं वो किसी के भी गले नहीं उतरते।
ये है वजह सर्विस रोड बंद करने
टैफिक पुलिस का बागपत फ्लाई ओवर पर डयूटी करने वाला स्टाफ भले ही कुछ भी कहता रहे लेकिन यहां बैरिकट्स लगने की असली वजह बाहरी नंबर की गाड़ियों को हाथ से निकल जाना था। जब से ये बैरिकेट्स लगाए गए हैं बाहरी नंबर की एक भी गाड़ी यहां से बगैर मिले नहीं निकल पाती है। दरअसल पहले जब तक सर्विस रोड पर बैरिकेटस नहीं लगाए गए थे जितना भी स्टाफ यहां लगाया गया है इस फ्लाई ओवर के नीचे से गुजरने वाले टैफिक को ही मैनेज करने में लगा रहता था। टैफिक मैनेज करने के चक्कर में तमाम बाहरी नंबर की गाड़ियां हाथ से निकल जाती थीं। सर्दी गरमी बरसाात की परवाह किए बगैर मुस्तैदी से तमाम चौराहों पर डयूटी की असली वजह बाहरी नंबर की गाड़ियां ही होती हैं। लेकिन बागपत फ्लाई ओवर की सर्विस रोड बंद करने की वजह बाहरी नंबर की गाड़ियों के अलावा वो आटो वाले भी हैं जो हफ्ता देने की बात अलल एलान कहते हैं। सर्विस रोड के आसपास तमाम ऐसे आटो वालों, ठेले वालों तथा सर्विस रोड पर बनाए गए फूटपाथ जिन पर कब्जे कर लिए गए हैं, उनसे हफ्ता वसूली की बात कही जाती है। यदि सुगमता से ही टैफिक निकालने की बात है तो बजाए हफ्ता वसूली के अवैध आटो व जिन्होंने अवैध कब्जे किए हुए हैं उन्हें हटवाए टैफिक खुद ही सुगमता से निकल जाएगा। लेकिन टैफिक से ज्यादा चिंता बाहरी नंबर की गाड़ियों व आटो व अवैध रूप से काविज दुकानदारों की सुविधाओं के ख्याल रखने की है।
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