बड़ी कंपनियाें ने बनायी मेले से दूरी बजट किया दूसरी मदों में खर्च
मेरठ। पहलगाम में कायराना आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का इफैक्ट उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेला नौचंदी पर पड़ गया है। ऑपरेशन सिंदूर इफैक्ट के चलते इस साल देश के बड़े ब्रांड जिनमें टीवी सीरियल कलर्स व जीटीवी तथा उसके जैसी जितनी भी कंपनियां प्रचार के लिए मेला नौचंदी में आया करती थीं, वो इस साल नहीं आ रही हैं। उन्होंने कई कारण गिनाते हुए जिनमें मुख्य कारण ऑपरेशन सिंदूर के चलते तेजी से घटी दर्शकों की संख्या को बताते हुए इस बार मेला नौचंदी में आने से असमर्थता व्यक्त कर दी है। पिछले कई सालों ने टीवी सीरियल कलर्स, जीटीवी व अन्य ऐसे ही कई बड़े ब्रांड मेला नौचंदी में आते रहे हैं, लेकिन इस साल ये ब्रांड नहीं आ रहे हैं। मेले में आने वाले ये ब्रांड आयोजकों से बहुत महंगे रेट पर जगह लिया करते थे और प्रचार भी करते थे। इनके ना आने को मेला नौचंदी की लिहाज से रेवेन्यू का बड़ा लॉस माना जा रहा है। बताया गया है कि इन कंपनियों का जो बजट मेला नौचंदी के नाम हुआ करता था वह इस बार ऑपरेशन सिंदूर के चलते दूसरी मद में व्यय कर दिया गया।

आपरेशन सिंदूर के चलते मेला नौचंदी से कलर्स व Zee TB जैसे देश के बड़े ब्रांड ने बनायी ली है दूरी

अभी केवल तीस फीसदी दुकानें
मेला नौंचदी की टाइमिंग आगे पीछे हो जाने की वजह से इस बार मेले में दुकानदारों की आमद को लेकर तमाम प्रकार की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। आयोजन कमेटी अब तक दो बार मेला नौचंदी का उद्घाटन करा चुकी है। पहले कमिश्नर व डीएम सरीखे अधिकारियों ने मेले का उद्घाटन किया था और दूसरा उद्घाटन दो दिन पहले मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह से करा दिया। दो बार के उद्घाटन के बाद भी अभी मेला में केवल सोफ्टी, कुछ बहुत हलवा परांठे वाले या फिर झूले वाले आए हैं। लेकिन झूले वालों को देखकर लगता है कि इस बार का मेला झूलों के लिए ही याद किया जाएगा। मेला नौचंदी के अध्यक्ष ललित अग्रवाल ने बताया कि एक से तीन जून के बीच मेले में सभी दुकानदारों के आने की उम्मीद है। उन्होंने जानकारी दी कि इस साल संभवत मुजफ्फरनगर में जो मेला भरा करता था वो नहीं लगने जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर में जिस स्थान पर मेला भरता था उसको लेकर विवाद हो गया है, जिसकी वजह से प्रशासन ने मेले की मनाही कर दी है। इसके अलावा मेले के जितने भी प्रवेश द्वार हैं उन पर समुचित प्रकाश व्यवस्था नहीं करायी गयी है। शंभु दास द्वार, विजय गेट, तिरंगा गेट और मोहन द्वार जो नौचंदी मंदिर परिसर में ही मौजूद हैं, जहां जिला उद्योग केंद्र के सहयोग से तमाम कंपनियां अपनी उत्पादों का प्रदर्शन करती हैं वहां बीते साल जितनी लाइटनिंग रहती थी इस बार अभी तक उतनी व्यवस्था नहीं बन पायी है। मेले के दुकानदारों की शिकायत है कि हर साल जितनी लाइटनिंग की जाती थी उतनी भी इस साल नहीं की जा रही है। उनका यह भी कहना है कि लाइटनिंग इस मेले की मुख्य पहचान हुआ करती थी लेकिन साल दर साल लाइटनिंग कम की जा रही है। यह मेले के लिए कतई अच्छा नहीं माना जा सकता। मेला परिसर में जहां भारत माता की प्रतिमा है वहां का सीवर चोक है जिसकी वजह से गंदगी होती है। इससे असुविधा हो रही है।
तहबाजारी ठेकेदार की मनमानीमेला नौचंदी में तहबाजारी का ठेकेदार निगम के स्टाफ के संरक्षण के चलते पूरी तरह से मनमानी पर उतर आया है। पहले तो इसने नौचंदी मंदिर परिसर में सर्कस के लिए आवंटित जगह को कम कर वहां पर झूला लगवा दिया। इतना ही नहीं अब तहबाजारी ठेकेदार ने मेला परिसर में जितने भी महापुरूषों की प्रतिमाएं लगायी गयी हैं वहां पर भी झूले लगवा दिए हैं। बताया जाता है कि झूलों को जगह देने से एक मुश्त मोटी रकम मिल जाती है। ठेकेदार ने कमाई के चक्कर में तमाम महापुरूषों की प्रतिमा स्थलों के आसपास भी इस साल झूले लगवा दिए हैं। इसके अलावा महापुरूषों की प्रतिमाओं के पास भी लाइटें कम हैं। वहीं दूसरी ओर आंधी व तूफान की वजह से मेले में जो झूले पहले उद्घाटन के बाद लग गए थे, वो पूरी तरह से डेमेज हो चुके हैं। उनका झूले के रूप में अब प्रयोग नहीं किया जा सकता। आंधी तूफान ने उन्हें स्क्रेप में तब्दील कर दिया है। अब नए झूले मेले के लिए मंगवाए जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि तीन से चार दिन में नए झूले पूरी तरह से चलन में आ जाएंगे। लेकिन इस सब के बाद भी मेले के दुकानदारों की बड़ी चिंता मेले में आने वाले दर्शकों को लेकर है। हर साल मेले में लोगों की आमद कम हो रही है। लोग वो नहीं आ रहे हैं जो खरीदारी किया करते हैं। मेला व्यापार संघ के अध्यक्ष ललित अग्रवाल बताते हैं कि पूर्व के सालों में अधिकारी मेले में भ्रमण करते थे। दुकानदारों से बात करते थे कुछ सालों से अधिकारियों ने मेला दुकानदारों से दूरी बना ली है। अधिकारियों को दुकानदारों के बीच आकर उनकी समस्याओं सुननी चाहिए यह मेले की सेहत के लिए भी अच्छा रहेगा। हालांकि मेला कमेटी के सदस्य अंकुर गोयल का कहना है कि मेले के दुकानदारों की जो भी समस्या है वो जिलाधिकारी तक पहुंचायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वह मेले के अध्यक्ष ललित अग्रवाल से संपर्क कर उनकी समस्याओं की जानकारी लेंगे।
कलर्स व Zee TV सरीखे आधा दर्जन बड़े ब्रांडों ने मेले से बनायी दूरी, इस बार खाली रहेगी जगह, महापुरूषों की प्रतिमा स्थल पर भी तहबाजारी ठेकेदार ने मोटी कमाई के लालच में लगवा दिए हैं झूले, मेला कमेटी की बैठक में डीएम के आदेश के बाद भी नहीं बनाई जा रही मोहन द्वार से सर्कत तक के रास्ते वाली रोड
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