मेरठ। सूब के सीएम योगी के सड़कों के गड्ढा मुक्त होने के आदेश हैं, लेकिन लगता है कि सीएम के आदेश मेरठी अफसरों पर लागू नहीं होते। शायद यही वजह से जो 12 साल बाद भी मेडिकल से काली नदी गढ़ रोड की तरफ जाने वाले सड़क की सुध लेने की फुर्सत अफसरों को नहीं है। गांधी आश्रम से लेकर तेजगढ़ी तक की सड़क सीएम ग्रिड योजना के तहत बनायी जा रही है, हालांकि उसमें भी ठेकेदार और निर्माण सामग्री को लेकर तमाम सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जिनके चलते नगरायुक्त को साइट आफिस पर पहुंचकर मिटिंग करनी पड़ गयी, लेकिन सीएम ग्रिड योजना के तहत बन रही सड़क से आगे यानि तेजगढ़ी चौराहा से लेकर काली नदी तक के रास्ते की बात करें तो यह सड़क पूरी तरह गड्डा युक्त है। कई जगह तो कई फुट चौड़े व गहरे गड्ढे इस पर बने हुए हैं। इसको लेकर तमाम नेताओं से इलाके प्रभावशाली लोगों से जागरूक नागरिक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन लगता है जिनसे शिकायत की जा रही है या तो अफसर उनकी सुनते नहीं है या फिर सड़कें गड्ढा मुक्त रहें सीएम के आदेश मेरठी अफसरों पर लागू नहीं होते यदि ऐसा भी नहीं है तो मेरठ की यह सीमावती सड़क यहां के अफसरों की प्राथमिकता नहीं है।
बेहद महत्वपूर्ण फिर भी अनदेखी

तेजगढी चौराहे से लेकर काली नदी तक जाने वाली इस सड़क की यदि बात की जाए तो इसके दोनों किनारों पर एलएलआरएम मेडिकल कालेज व सरदार बल्लभ भाई पटेल हॉस्पिटल जहां पांच मंडलों के जनपदों के अलावा वेस्ट यूपी व उत्तराखंड के कई जनपदों से मरीज इलाज को आते हैं। ज्यादातर मरीज एम्बुलेंस से लाए ले जाए जाते हैं। जब गड्डों से भरपूर इस सड़क से होकर मरीजों के लेकर जाने वाले एम्बुलेंस गुजरती हैं तो मरीजों में रही सही जान भी खत्म हो जाती है। मेडिकल के अलावा इस रोड पर ही आनंद हॉस्पटल व दूसरे अन्य हॉस्पिटल हैं। इसको हॉस्पिटल का हव भी बोला जा सकता है। तमाम पैथॉलॉजी लैब भी यही पर मौजूद हैं। मेडिकल स्टोरों का पूरा मार्केट यहां पर है। मंशा देवी मंदिर के अलावा जाग्रति विहार जैसी बड़ी कालोनी या कहे यहां इलाका है जिसमें शहर की बड़ी आबादी रहती है। सत्ताधारी दल से जुड़े कई प्रभावशाली लोगाें के यहां आवास व कैंप कार्यालय है। देश के दूसरे राज्यों व शहरों से वाया गढ़ रोड से होकर मेरठ में एंट्री के लिए पहुंचने वाला सारा हैवी ट्रैफिक इसी मार्ग से होकर गुजरता है। यह चौबीस घटे चलने वाला रोड है उसके बाद भी अफसरों को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं।
आए दिन होते हैं हादसे
आसपास के लोगों ने बताया कि इस सड़क से होकर गुजरने वाले दो पहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा हादसों का शिकार होते हैं। ज्यादातर वो लोग हादसों का शिकार होते जो आमतौर पर कभी कभार इस ओर से होकर गुजरते हैं। सड़क के गड्ढों का उन्हें पूर्वाभास नहीं हो पाता। लोगों ने बताया कि चंद रोज पहले एक महिला अपने पति के साथ दो पहिया वाहन से जा रही थी। सड़क के गड्ढे की वजह से जैसे ही ब्रेक लगाया पीछे बैठी गर्भवती महिला सड़क पर जा गिरी। गंभीर चोटिल हो गयी। लोगों की मदद से उसको उठाकर पेड़ के नीचे बैठाया गया। यह हादसा केवल वानगी भर है। तेजगढी से लेकर काली नदी तक ऐसे हादसे दिन में कई बार होते हैं। सबसे ज्यादा शिकार बच्चे व बुर्जुग होते हैं। शास्त्रीनगर सेक्टर तीन के हरने वाले रविन्द्र सिंह एडवोकेट का कहना है कि यहां के हालत बेहद गंभीर हैं। इस ओर ध्यान दिया जाना जरूरी है/ शास्त्रीनगर सैक्टर छह के रहने वाले शिव शंकर चौरासिया बताते हैं कि गड्ढों की वजह से आए दिन यहां एक्सीडेंट हो रहे हैं। हालात खराब हैं। मेडिकल के सोमदत्त सिटी के रहने वाले पंकज शर्मा ने बताया कि यह रोड वीआईपी है। इसके बाद भी सबसे ज्यादा इसकी बदहाली की है। नगर निगम से सेवानिवृत्त अधिकारी विजय शर्मा निवासी सोमदत्त सिटी बताते हैं कि सभी को अवगत कराए जाने के बाद भी यह रोड बदहाल है। मेडिकल कैंपस में रहने वाले इंजीनियर आर्यन सिंह पटेल बताते हैं कि यह रोड अब एक्सीडेंटल रोड के नाम से बदनाम है। इसकी सुध ली जानी चाहिए।
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