

मेरठ। पौराणिक रामायण कालीन बताए जाते सदर के बिल्वेश्वर नाथ मंदिर के कुंए पर कब्जा कर वहां कांप्लैक्स बना बनाए जाने के कथित आरोपों के चलते दायर की गयी याचिका पर सुनवाइ के बार NGT ने सूबे के मुख्य सचिव मेरठ के DM, SSP, Meda VC समेत पच्चीस लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में बीती 25 अप्रैल को चार जजों की पीठ ने सुनवाई की थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई पहली अगस्त को हाेनी है। यह जानकारी शनिवार को सरकुल रोड स्थित एक सभागर में बुलायी गयी प्रेस वार्ता में कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल, मंदिर के पुजारी गणेश दत्त शर्मा, एडवोकेट राशि शर्मा व एडवोकेट संजीव ठाकुर ने दी। दिनेश गोयल ने बताया कि इस मामले में एडवोकेट राशि शर्मा ही मामले को देख रही हैं।
सदर स्थित पौराणिक बिल्वेश्वर नाथ मंदिर के कुंए पर अवैध कब्जा कर वहां कांप्लैक्स बनाने का आरोप, NGT के चार जजों की पीठ ने 25 अप्रैल को की थी प्रकरण में सुनवाई, मामले में अगली सुनवाई अब पहली अगस्त को मुर्कर
उन्होंने जानकारी दी कि कैंट के सदर थाने के पीछे बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में एक प्राचीन, विरासत, पुरातात्विक कुआं मौजूद है जो वास्तव में इलाके में रहने वाले सामान्य लोगों के लिए स्वच्छ भूजल का एक स्रोत था और यह भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है और मंदिर में पूजा पाठ करने के लिए आने वाले सभी लोगों द्वारा उसी पानी का उपयोग किया जाता था। ऐसी मान्यता है कि रावण की पत्नी वहां पूजा करने के लिए आती थी और उसी कुएं के पानी का उपयोग करती थी। इस प्राचीन कुएं को कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों द्वारा व्यक्तिगत लाभ के मकसद से अवैध रूप से भर दिया गया है। ये लोग कोई और नहीं वही लोग हैं जिन्होंने फर्जी और जाली दस्तावेज बनाकर उसी परिसर में स्थित जगन्नाथ मंदिर की संपत्ति हड़पने की कोशिश की है। इस अवैध गतिविधि के खिलाफ दिनेश गोयल और गणेश दत्त शर्मा ने RTDC (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) में एक याचिका दायर की है जिसमें 25 पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। इन लोगों में गणेश अग्रवाल, विवेक रस्तोगी नेताजी, पवन गर्ग, पारस गोयल, विजय गोयल, हरीश चंद जोशी, रूपक जोशी और अन्य शामिल हैं और प्रशासनिक अधिकारियों में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, डीएम मेरठ, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ विकास प्राधिकरण, एसएसपी और अन्य शामिल हैं, जिन्होंने इन लोगों द्वारा किए गए इतने बड़े अवैध कार्य के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। गणेश दत्त शर्मा जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं वह ट्रस्ट जो जगन्नाथ मंदिर पर व्यवस्थाएं बनाता है और वहां काम करता है और पर्यावरण, गौशाला, जल आदि के लाभ के लिए काम करते हैं और क्षेत्र में हो रहे अन्य अवैध कार्यों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं। गणेश दत्त शर्मा ने बताया कि दिनेश गोयल पांच बार से अधिक कैनॉन्टमेंट बोर्ड के पूर्व सभासद होने के नाते क्षेत्र में हो रही अवैध गतिविधियों के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और उनके खिलाफ भी अधिक कार्रवाई करेंगे। एनजीटी द्वारा सभी पक्षों के खिलाफ नोटिस जारी करने के आदेश में बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने अतिक्रमण किया है और उस प्राचीन कुएं को भर दिया है और भविष्य में अधिकतम पैसा बनाने के लिए उन पर दुकानें बनाने और उन्हें बेचने की योजना बना रहे हैं। हरीश चंद जोशी और रूपक जोशी ने उक्त मंदिर के एक कमरे पर कब्जा कर लिया, जिसे सत्संग भवन के रूप में जाना जाता है, लेकिन वास्तव में यह बहुत पुराने समय का बहुत पुराने समय से यह एक कुआं वाला कमरा है जिसमें कुएँ का सामान रखा जाता था और वे अवैध रूप से उस कमरे का अपने निजी लाभ के लिए उपयोग करते हैं और इसे अपने निजी कमरे के रूप में उपयोग करते हैं और उस कमरे में देर रात पार्टियां करते हैं वर्तमान में वह उस कमरे का व्यक्तिगत रूप से पार्टियों और अन्य चीजों के लिए उपयोग कर रहा है, जैसा कि अदालत में दायर याचिका में बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है। एकत्र किए गए सभी कचरे को ये लोग जगन्नाथ मंदिर के पीछे जला देते हैं, जो कि जगन्नाथ मंदिर का हिस्सा है और विरासत की संपत्ति को खराब करता है। इन सभी लोगों का एकमात्र मकसद मंदिर को हड़पना और व्यक्तिगत व्यावसायिक लाभ करना है। मंदिर में अवैध कृत्यों के खिलाफ और अधिक कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है
2 अधीशासी अभियंता, एसडीओ व जेई सस्पेंड
मोबाइल से पाकिस्तानी मंसूबों का पर्दाफाश