कैंट बोर्ड का बड़ा एक्शन

कैंट बोर्ड का बड़ा एक्शन
Share

कैंट बोर्ड का बड़ा एक्शन, मेरठ। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपाल सीईओ कैंट ज्योति कुमार के निर्देश पर कैंट बोर्ड ने बुधवार की सुबह लालकुर्ती इलाके में अवैध डेयरियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया। बोर्ड के इस अभियान का असर पूरे कैंट इलाके में देखा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कैंट बोर्ड के अभियान से लालकुर्ती के उन लोगों ने राहत की सांस ली है जिनके लिए ये डेयरियां बड़ी मुसीबत का कारण बनी थीं।दरअसल डेयरियों की वजह से लालकुर्ती क्षेत्र की सफाई व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी। बोर्ड के सेनिटेशन स्टाफ के जिला कर्मचारियों की डयूटी इस इलाके में लगी थी, वो समुचित सफाई नहीं कर पा रहे थे। अरसे बाद कैंट बोर्ड का दस्ता पूरे रंग में नजर आया।
जेसीबी देख मचा हड़कंप:
कैंट बोर्ड का दास्ता एई पीयूष गौतम के नेतृत्व में अवर अभियंता अवधेश यादव व सेनेट्री सेक्शन के निरीक्षक योगेश यादव समेत पूरे अमले को लेकर जैसे ही लालकुर्ती को पहुंचा तो वहां हड़कंप मच गया। हालांकि जेसीबी के गरजने से पहले पूरे इलाके में माइक से सभी को चेतावनी दी गयी। उन्हें जगह खाली करने का पूरा मौका दिया गया। वैसे कैंट बोर्ड के दस्ते के तेवरों को देखकर आज किसी ने प्रतिरोध या हंगामे सरीखी गलती नहीं की। असल में लोग समझ चुके थे कि यदि आज विरोध किया तो नुकसान अधिक उठाना पड़ सकता है। लोगों की इस समझदारी का भरपूर फायदा उठाने में कैंट बोर्ड के दस्ते ने कतई भी चूक नहीं की। जैसे ही अवैध कमरों व निर्माण को खाली किया गया बगैर देरी किए बोर्ड की जेसीबी मशीन ने गरजना शुरू कर दिया। तमाम अवैध निर्माण व कब्जे हटा दिए गए। कुछ ही देर में जो जगह अवैध टीन शेड के कब्जे में थी वो पूरी तरह से खाली हो गयी। जेसीबी मशीन से तोड़े गए अवैध निर्माणों का मलवा दूर तक फैला नजर आ रहा था। भारी भरकम टीन की चादरें जो डेयरियों के पशुओं पर शेड के लिए डाली गयी थीं उन्हें ताश के पत्तों की मानिंद नेस्तनाबूत कर दिया गया। कई घंटे चली इस कार्रवाई में डेयरी संचालकों के तमाम अवैध कब्जे हटवा दिए गए। डेयरी संचालकों के अवैध कब्जों के अलावा जिन अन्य लोगों ने अवैध कब्जे किए थे वो भी हटवा दिए गए। हालांकि इस प्रकार के अवैध कब्जे हटवाने में बोर्ड के स्टाफ को कुछ लोगों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन बोर्ड के दस्ते के रूख से ऐसा लगा मानो सोच कर निकले हों कि आज अवैध कब्जों को लेकर कोई रियायत नहीं बरती जाएगी और किया भी ऐसा ही गया। कार्रवाई के दौरान हथोड़ा गैंग ने भी जमकर अवैध कब्जों पर हथोड़ा बजाया। तमाम जगह-जहां डेयरी संचालकों ने कब्जे किए गए थे वो सरकारी जगह मुक्त करा दी गयी है। पूरा इलाका अब साफ हो गया है।
डेयरी संचालक लेते रहे लोकेशन:
बुधवार की सुबह चलाए गए अभियान की जानकारी पहले से ही डेयरी संचालकों को मिल गयी थी। इसकी वजह से तमाम डेयरी संचालक यह बोर्ड के दस्ते की लोकेशन लेते रहे। सुबह से ही डेयरी संचालकों के कारिंदे बोर्ड के आसपास भटने लगे। बोर्ड परिसर मेें चल रहीं गतिविधियों की पल-पल की जानकारी डेयरी संचालकों को मोबाइल फोन से देते रहे।
जैसे ही जेसीबी मशीन और दस्ता बोर्ड कार्यालय परिसर से बाहर निकला उसकी सूचना तत्काल मोबाइल से दी गई। इसके बाद डेयरी संचालकों को थोड़ा बहुत सामान कमरों के भीतर रखा हुआ था, वो भी हटवा दिया गया। जिसकी वजह से दस्ते को इलाके की सफाई करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
इनकी डेयरियों पर की गयी है कार्रवाई:
कैंट बोर्ड ने बुधवार को जिन अवैध डेयरियों पर कार्रवाई की है उनमें प्रदीप यादव की डेयरी, बंटू का अवैध निर्माण कर सरकारी जमीन पर बनाया गया कमरा, राजीव व मयंक यादव की डेयरी और हर्षित भी शामिल हैं। इनके अलावा लालकुर्ती के शक्तिधाम मंदिर के पास भी अवैध रूप से एक कमरा बना दिया गया है। हालांकि तर्क दिया गया कि यह शक्तिधाम मंदिर में आने वालों के जूते आदि रखने के लिए बनाया गया है। लेकिन जो अवैध निर्माण किया गया है वो जगह सरकारी है इसलिए रियायत की उम्मीद न रखें।
सिफारिशी फोन घंटों घनघनाए: कैंट बोर्ड की कार्रवाई को रूकवाने के लिए अनेक डेयरी संचालकों व कब्जा कर सरकारी जगह पर अवैध निर्माण करने वालों ने बोर्ड के दस्ते की कार्रवाई को रूकवाने के लिए घंटों सिफारिशी फोन्स काल करायीं, लेकिन आज कैंट बोर्ड प्रशासन के अधिकारी जो ध्वस्तीकरण के लिए निकले थे किसी प्रकार की सिनफारिश सुनने के मूड में नहीं थे। उन्होंने दो टूक बता दिया था कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में किसी प्रकार की कोतवाही बरतने का मतलब ही नहीं होता। अदालत का आदेश सर्वोपरी है।
पर्याप्त समय दिया था नोटिस भेजकर बोर्ड ने: बुधवार को मुनादी कराए जाने के बाद जिनके खिलाफ कैंट बोर्ड ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर सरकारी जमीन को मुक्त कराया है, उन सभी लोगों को कैंट बोर्ड प्रशासन ने करीब एक माह पहले ही नोटिस देकर सरकारी जमीन से अवैध कब्जे हटाने को कहा था। लेकिन नोटिस के बाद भी वहां से कब्जे व डेयरियां नहीं हटायी गयीं। वहीं दूसरी ओर इस कार्रवाई से लोगों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि जो नालियां चोक हो गयी थीं वो अब सही से साफ की जा सकेंगी।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *